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- अलीकडे आयआयटी संस्थेने कोविड -१ testing आयआयटी खडगपूर - चाचणी घेण्यासाठी कोविरॅप नावाची नवीन चाचणी शोधली.
- एलजी इलेक्ट्रॉनिक्सने आपल्या होम सोल्यूशन ब्रँड "एलजी सिग्नेचर" - लुईस हॅमिल्टनचा जागतिक राजदूत बनविला आहे
- तेलंगणाचे पहिले गृहमंत्री नुकतेच हैदराबादमध्ये निधन झाले - नरसिंह रेड्डीअलीकडेच पार्ले अॅग्रो कंपनीने अभिनेत्रीची ब्रँड अॅम्बेसेडर - प्रियंका चोप्रा म्हणून नियुक्ती केली आहे
- 🇮🇳 हवाई दलातील प्रथम महिला अधिकारी, विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) विजयालक्ष्मी रामानन यांचे नुकतेच निधन झाले
वेद, प्राचीन भारत के पवित्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। वेद, विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् ज्ञाने धातु से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं।वेदों को अपौरुषेय (जिसे कोई व्यक्ति न कर सकता हो, यानि ईश्वर कृत) माना जाता है। यह ज्ञान विराटपुरुष से वा कारणब्रह्म से श्रुति परम्परा के माध्यम से सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी ने प्राप्त किया माना जाता है। यह भी मान्यता है कि परमात्मा ने सबसे पहले चार महर्षियों जिनके अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा नाम थे के आत्माओं में क्रमशः ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद का ज्ञान दिया, उन महर्षियों ने फिर यह ज्ञान ब्रह्मा को दिया। इन्हें श्रुति भी कहते हैं जिसका अर्थ है 'सुना हुआ ज्ञान'। अन्य आर्य ग्रंथों को स्मृति कहते हैं, यानि वेदज्ञ मनुष्यों की वेदानुगत बुद्धि...
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