इस लेख में, हम 2019 में आयोजित होने वाली परीक्षा आईबीपीएस क्लर्क की चयन प्रक्रिया पर चर्चा करने जा रहे हैं। क्लर्क परीक्षा इस साल दिसंबर में आयोजित की जाएगी। आईबीपीएस क्लर्क 2019 की चयन प्रक्रिया की जानकारी आपको इस भर्ती अभियान के विभिन्न चरणों को समझने में मदद करेगी, जिससे आप तदनुसार अपनी तैयारी शुरू कर सकेंगे। इस पद में उल्लिखित आईबीपीएस क्लर्क के लिए चयन प्रक्रिया हाल ही में जारी आईबीपीएस क्लर्क अधिसूचना पर आधारित है। यदि इस वर्ष चयन प्रक्रिया में कोई भी बदलाव होता है तो, इस पोस्ट में आधिकारिक सूचना जारी होने के बाद अपडेट कर दिया जाएगा। हमने पहले से ही पात्रता मानदंड, पिछले साल के कटऑफ के साथ-साथ आईबीपीएस क्लर्क प्रीलिम्स परीक्षा के परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम को साझा किया है। यदि आपने पिछले पोस्ट को नहीं पढ़ा तो इस जानकारी के लिए कृपया इसे अवश्य पढ़ें | आईबीपीएस क्लर्क 2019 चयन प्रक्रिया आईबीपीएस क्लर्क 2019 भर्ती प्रक्रिया में निम्न चरणों का समावेश होगा - प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा भाषा प्रवीणता टेस्ट कोई साक्षात्कार नहीं है| आइए अब इन चरणों में से प्रत्येक पर एक नजर डालें। आईबीपीएस लिपिक प्रारंभिक परीक्षा 2019 आईबीपीएस क्लर्क की प्रीमिम्स परीक्षा में थोड़े से अभ्यास से सफलता मिल सकती है| इस बार आईबीपीएस क्लर्क की प्रीमिम्स परीक्षा पैटर्न में बदलाव है| अब हर एक अनुभाग को हल करने के लिए अभ्यर्थी को 20 मिनट का समय मिलेगा| आईबीपीएस क्लर्क प्रीलिम्स परीक्षा के लिए निम्नलिखित पैटर्न है - क्रं. सं. टेस्ट का नाम प्रश्नों की संख्या अधिकतम अंक अनुभागीय सीमा 1. अंग्रेजी भाषा 30 30 20 मिनट 2. तार्किक क्षमता 35 35 20 मिनट 3. संख्यात्मक क्षमता 35 35 20 मिनट कुल 100 100 60 मिनट उम्मीदवारों को उपरोक्त समय सीमा के भीतर प्रत्येक अनुभाग को पूरा करने की आवश्यकता है। आईबीपीएस क्लर्क प्रीलिम्स परीक्षा में अभ्यर्थियों को अनुभागीय व कुल कटऑफ अंक प्राप्त करने की आवश्यकता है | आईबीपीएस क्लर्क मैंस परीक्षा 2018 इस परीक्षा के अंक अंतिम चयन प्रक्रिया में गिने जाएंगे। तो इस अनुभाग के लिए पूरी तरह से तैयार रहें | आईबीपीएस क्लर्क मेंस परीक्षा पैटर्न का उल्लेख नीचे दिया गया है - क्रं. सं. टेस्ट का नाम प्रश्नों की संख्या अधिकतम अंक समय सीमा 1. तार्किक क्षमता और कंप्यूटर योग्यता 50 60 45 मिनट 2. अंग्रेजी भाषा 40 40 35 मिनट 3. मात्रात्मक रूझान 50 50 45 मिनट 4. सामान्य जागरूकता (बैंकिंग के लिए विशेष संदर्भ के साथ) 50 50 35 मिनट कुल 190 200 160 मिनट अंग्रेजी भाषा परीक्षा के अलावा सभी उपर्युक्त परीक्षण हिंदी और साथ ही अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होंगे। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए १/४ अंक काटे जायेंगे । इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को कुल कटऑफ के साथ अनुभागीय कटऑफ भी क्लियर करने होंगे। आईबीपीएस क्लर्क के तहत अनंतिम आबंटन के लिए, 200 में से कुल प्राप्तांक 100 में परिवर्तित हो जाएंगे। आईबीपीएस भाषा प्रवीणता टेस्ट उम्मीदवारों को अनंतिम आवंटन के लिए सहभागी संगठनों द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करना होगा। उम्मीदवारों को भाषा प्रवीणता परीक्षा से गुजरना होगा, जहां भाग लेने वाले संगठन संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की स्थानीय भाषा में उम्मीदवारों की दक्षता की पुष्टि करेंगे, यानी उम्मीदवारों को पढ़ने, लिखने और संबंधित स्थानीय भाषा में बोलने में सक्षम होना चाहिए। इस परीक्षा के तहत, उम्मीदवारों को एक गद्यांश लिखने के लिए कहा जा सकता है या स्थानीय भाषा में कुछ प्रश्न पूछे जा सकते हैं। आईबीपीएस क्लर्क के पार्टिसिपेटिंग संगठन भी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को रद्द कर सकते हैं जो इस परीक्षा के लिए योग्य नहीं हैं। आपकी परीक्षा के लिए हार्दिक शुभकामनायें,
वेद, प्राचीन भारत के पवित्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। वेद, विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् ज्ञाने धातु से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं।वेदों को अपौरुषेय (जिसे कोई व्यक्ति न कर सकता हो, यानि ईश्वर कृत) माना जाता है। यह ज्ञान विराटपुरुष से वा कारणब्रह्म से श्रुति परम्परा के माध्यम से सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी ने प्राप्त किया माना जाता है। यह भी मान्यता है कि परमात्मा ने सबसे पहले चार महर्षियों जिनके अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा नाम थे के आत्माओं में क्रमशः ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद का ज्ञान दिया, उन महर्षियों ने फिर यह ज्ञान ब्रह्मा को दिया। इन्हें श्रुति भी कहते हैं जिसका अर्थ है 'सुना हुआ ज्ञान'। अन्य आर्य ग्रंथों को स्मृति कहते हैं, यानि वेदज्ञ मनुष्यों की वेदानुगत बुद्धि...
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