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विश्व के प्रमुख देशों की राजधानी:



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● सोमालिया - मोगाडिशू
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● सेशेल्स - विक्टोरिया
● ट्यूनीशिया - ट्यूनिश
● युगांडा - कंपाला
● मालागासी- अन्ताननरीबो
● मलावी - लिलाँगवे
● बोत्सवाना - गेबोरन
● बुरूंडी - बुजुमबुरा
● कैमरून - याओंडो
● कांगो - ब्राजाविले
● बेनिन - पोर्टो-नोवो
● कैप वर्डे - प्रैआ
● चाड - एन दजामेनां
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● मारीतानिया - नौकचोट्ट
● रियूनियन - सेंट-डेनिस
● स्वाजीलैंड - म्बाबने
● सियेरा लिओन - फ्री टाउन
● इरीट्रिया - अस्मारा
● लेसोथो - मसेरू
● लाइबेरिया - मोनरोविया
● जांबिया - लुसाका
● जिम्बाब्वे - हरारे
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● गिनी - कोनाक्रे
● केन्या - नैरोबी
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● ग्वाटेमाला - गावाटामाला सिटी
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● ग्रेनाडा - सेंट जार्ज
● ग्रीनलैंड - नूक
● हैती- पोर्ट-ओ-प्रिंस
● सेंट ल्यूसिया - कैस्टिज
● ब्राजील - साओ पाउलो
● चिली - सांतियागो
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● सुरीनाम- परामारिबो
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● पेरू - लामा
● गुयाना - जाॅर्ज टाउन
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● बोलीविया - लापाज
● फ्रेंच गुयाना - कोयेन्ने
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● फिनलैंड - हेलसिंकी
● नीदरलैंड्स - एमस्टरर्डम
● आइसलैंड - रिक्याविक
● आयरलैंड - डबलिन
● न्यूजीलैंड - वेलिंग्टन
● आस्ट्रेलिया - कैनबरा
● माइक्रोनेशिया - पीलीकीर
● बेल्जियम - ब्रुसेल्स
● बुल्गारिया - सोफिया
● अल्बानिया - तिराना
● लातविया - रीगा
● इटली - रोम


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बाळ शास्त्री जांभेकर

 बाळ गंगाधर जांभेकर   (जन्म १८१२; मृत्यू १८४६) हे मराठी पत्रकारितेचे जनक होते. त्यांनी ‘दर्पण’ नावाचे पहिले मराठी मासिक सुरू केले. इतिहास आणि गणित या विषयांवर त्यांनी अनेक पुस्तके लिहिली. रॉयल एशियाटिक सोसायटी आणि जिओग्राफिकल सोसायटीमध्ये वाचलेले शिलालेख आणि ताम्रपटांशी संबंधित त्यांचे निबंध खूप महत्त्वाचे आहेत. शिलालेखांच्या संदर्भात ते कनकेश्वर येथे गेले असता त्यांना उष्माघात झाला. यामध्ये त्यांचा मृत्यू झाला. खर्‍या अर्थाने त्यांनी आपल्या कार्यात जीव ओवाळून टाकला होता. ख्रिश्चन धर्माने ग्रहणाशी संबंधित वास्तव स्वतःच्या भाषेत आणि श्रीपती शेषाद्री नावाच्या ब्राह्मणाला सांगणे.हिंदू धर्मात पुनर्परिवर्तन केल्याबद्दल त्यांना बहिष्कृत करण्यात आले. ते महाराष्ट्राचे समाजसुधारक होते बाळ गंधाधर जांभेकर यांचा जन्म राजापूर जिल्ह्यातील पोंबर्ले गावात झाला. त्यांचे वडील चांगले वैदिक होते. शिक्षकांमध्ये बापू छत्रे आणि बापूशास्त्री शुक्ल यांचा समावेश होता. दादोबा पांडुरंग यांनी त्यांच्या आत्मचरित्रात त्यांच्या विलक्षण स्मरणशक्तीचा एक प्रसंग नमूद केला आहे. एकदा त्याने दोन गोरे सैनिक लढत...

एसएससी जूनियर इंजीनियर ऑनलाइन 2020

 पद का नाम :एसएससी जूनियर इंजीनियर ऑनलाइन 2020  जानकारी : कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने जूनियर इंजीनियर (सिविल / इलेक्ट्रिकल / मैकेनिकल और क्वांटिटी सर्वेइंग एंड कॉन्ट्रैक्ट) परीक्षा 2020 की भर्ती के लिए एक रोजगार अधिसूचना दी है। वे उम्मीदवार जो रिक्ति विवरण में रुचि रखते हैं और सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। सूचना पढ़ें और ऑनलाइन आवेदन करें। आवेदन शुल्क सामान्य / ओबीसी उम्मीदवारों के लिए: रु। 100 / - एससी / एसटी / पीडब्ल्यूडी / भूतपूर्व सैनिक और महिला उम्मीदवारों के लिए: शून्य  भुगतान मोड (ऑनलाइन): BHIM UPI के माध्यम से, नेट बैंकिंग या वीबीआई, मास्टर कार्ड, मेस्ट्रो, RuPay क्रेडिट या डेबिट कार्ड का उपयोग करके या SBI शाखा में SBI चालन से कर सकते हैं महत्वपूर्ण तिथियाँ ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि शुरू: 01-10-2020 ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि: 30-10-2020 (23:30) ऑनलाइन शुल्क भुगतान करने की अंतिम तिथि: 01-11-2020 (23:30) ऑफ़लाइन चालान की पीढ़ी के लिए अंतिम तिथि: 03-11-2020 (23:30) चालान के माध्यम से भुगतान करने की अंतिम तिथि : 05/11/2020 कंप्यूटर आधारित परीक्षा की तिथि...

वेद

वेद, प्राचीन भारत के पवित्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। वेद, विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् ज्ञाने धातु से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं।वेदों को अपौरुषेय (जिसे कोई व्यक्ति न कर सकता हो, यानि ईश्वर कृत) माना जाता है। यह ज्ञान विराटपुरुष से वा कारणब्रह्म से श्रुति परम्परा के माध्यम से सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी ने प्राप्त किया माना जाता है। यह भी मान्यता है कि परमात्मा ने सबसे पहले चार महर्षियों जिनके अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा नाम थे के आत्माओं में क्रमशः ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद का ज्ञान दिया, उन महर्षियों ने फिर यह ज्ञान ब्रह्मा को दिया। इन्हें श्रुति भी कहते हैं जिसका अर्थ है 'सुना हुआ ज्ञान'। अन्य आर्य ग्रंथों को स्मृति कहते हैं, यानि वेदज्ञ मनुष्यों की वेदानुगत बुद्धि...