फेसबुक के जरिए इस शख्स ने किया यूपीएससी क्रैक
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पास छोटे से गावं सिद्धार्थनगर के रहने वाले अंजय तिवारी को पढ़ाई के लिए खास सुविधाएं नहीं थी। ऐसे में पढ़ने के लिए वो इंटरनेट और ई-पेपर की मदद लेते थे। उनके अनुसार कई लोग फेसबुक का गलत इस्तेमाल कर टाइम बर्बाद करते हैं लेकिन इस प्लेटफॉर्म ने उन्हें पहचान दिलाने में खास मदद की है।
साल 2012 बैच के अंजय तिवारी ने यूपीएससी की परीक्षा में 750 रैंक हासिल की थी। द हिंदू न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में अंजय तिवारी ने बताया कि उनके गांव में पढ़ाई के लिए खास सुविधाए नहीं थी, जिसकी वजह से वो ज्यादातर पढ़ाई इंटरनेट या फिर ई-पेपर की मदद से करते थे। पहले उन्हें फेसबुक के बारे में पता चला तो चला तो लगा कि ये एक टाइम बर्बाद करने का जरिया है। जिसकी वजह से मैं इस नजरअंदाज करता था लेकिन लेकिन दोस्तों के कहने पर मैंने फेसबुक अकाउंट बनाया। फेसबुक के जरिए उन्हें कई आइडिया और जानकारी अलग अलग विषय पर मिलने लगी। अंजय तिवारी बताते हैं कि उनके दोस्त ने फेसबुक पर एक ग्रूप बनाया, जहां लोग ग्रुप डिस्कशन और करेंट अफेयर्स शेयर करते थे। धीरे धीरे ये ग्रूप पढ़ाई करने का जरिया बन गया। अंजय तिवारी 12वीं पास करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में बीए और एमए किया। इस कोर्स ने भी उन्हें यूपीएससी क्रैक करने में काफी मदद की।
आमतौर पर इकोनॉमिक्स और मध्यकालीन इतिहास के मामले में स्टैंडर्ड किताबों पर निर्भर थे और समान्य ज्ञान की तैयारी के लिए खास ध्यान देने लगे। अंजय तिवारी आईएएस से पहले उन्होंने बैंक की परीक्षा को पास किया था। जिसके बाद उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर ब्रांच मैनेजर का काम करने का मौका भी मिला।
इस वक्त पूर्व-मध्य रेल बरकाकाना एरिया में नए डिविजनल ट्रैफिक मैनेजर के तौर पर कार्यरत है। अंजय के मुताबिक वो बैंक में काम करने के दौरान की आईएएस की तैयारी करते थे। अंजय चाहते थे कि सोसाइटी के लिए कुछ करें जिसके लिए उन्होंने आईएएस बनने का तय किया।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पास छोटे से गावं सिद्धार्थनगर के रहने वाले अंजय तिवारी को पढ़ाई के लिए खास सुविधाएं नहीं थी। ऐसे में पढ़ने के लिए वो इंटरनेट और ई-पेपर की मदद लेते थे। उनके अनुसार कई लोग फेसबुक का गलत इस्तेमाल कर टाइम बर्बाद करते हैं लेकिन इस प्लेटफॉर्म ने उन्हें पहचान दिलाने में खास मदद की है।
साल 2012 बैच के अंजय तिवारी ने यूपीएससी की परीक्षा में 750 रैंक हासिल की थी। द हिंदू न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में अंजय तिवारी ने बताया कि उनके गांव में पढ़ाई के लिए खास सुविधाए नहीं थी, जिसकी वजह से वो ज्यादातर पढ़ाई इंटरनेट या फिर ई-पेपर की मदद से करते थे। पहले उन्हें फेसबुक के बारे में पता चला तो चला तो लगा कि ये एक टाइम बर्बाद करने का जरिया है। जिसकी वजह से मैं इस नजरअंदाज करता था लेकिन लेकिन दोस्तों के कहने पर मैंने फेसबुक अकाउंट बनाया। फेसबुक के जरिए उन्हें कई आइडिया और जानकारी अलग अलग विषय पर मिलने लगी। अंजय तिवारी बताते हैं कि उनके दोस्त ने फेसबुक पर एक ग्रूप बनाया, जहां लोग ग्रुप डिस्कशन और करेंट अफेयर्स शेयर करते थे। धीरे धीरे ये ग्रूप पढ़ाई करने का जरिया बन गया। अंजय तिवारी 12वीं पास करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में बीए और एमए किया। इस कोर्स ने भी उन्हें यूपीएससी क्रैक करने में काफी मदद की।
आमतौर पर इकोनॉमिक्स और मध्यकालीन इतिहास के मामले में स्टैंडर्ड किताबों पर निर्भर थे और समान्य ज्ञान की तैयारी के लिए खास ध्यान देने लगे। अंजय तिवारी आईएएस से पहले उन्होंने बैंक की परीक्षा को पास किया था। जिसके बाद उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर ब्रांच मैनेजर का काम करने का मौका भी मिला।
इस वक्त पूर्व-मध्य रेल बरकाकाना एरिया में नए डिविजनल ट्रैफिक मैनेजर के तौर पर कार्यरत है। अंजय के मुताबिक वो बैंक में काम करने के दौरान की आईएएस की तैयारी करते थे। अंजय चाहते थे कि सोसाइटी के लिए कुछ करें जिसके लिए उन्होंने आईएएस बनने का तय किया।
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