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इतिहासातील महिला विषयक कायदे



शारदा  एक्ट 1930
समान वेतन कायदा -1976
बालकामगार कायदा -1980
विवाह संमती विधेयक 1891
सतीबंदी कायदा -1829
विधवा पुनर्विवाह कायदा -1856
विशेष विवाह कायदा -1954
हिंदू दत्तक व निर्वाह कायदा -1956
वैद्यकीय व गर्भपात कायदा -1929
हुंडाप्रतिबंधक कायदा -1929
बालविवाह निर्बंध कायदा -1929
मातृत्व लाभासंबंधीचा कायदा -1961
कुटुंब न्यायालय कायदा - 1984
भिक्षा प्रतिबंधक कायदा -1959
हिंदू विवाह कायदा -1955
वेश्या वृत्ती निवारण कायदा -1986
हुंडा निषेध कायदा - 1986
भारतीय घटस्फोट कायदा -1869
आनंदी कारंज विवाह कायदा -1909
राष्ट्रीय महिला आयोग कायदा 1993

अनाथालय व धर्मादाय कायदा - 1960
कौटुंबिक हिंसाचार प्रतिबंधक कायदा -2005
विवाहित स्त्रियांचा संपत्तीचा कायदा -1959
धर्मांतरीत व्यक्ती विवाह विच्छेद कायदा -1866
  • महाराष्ट्र देवदासी प्रतिबंधक व निर्मूलन कायदा -2005

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 बाळ गंगाधर जांभेकर   (जन्म १८१२; मृत्यू १८४६) हे मराठी पत्रकारितेचे जनक होते. त्यांनी ‘दर्पण’ नावाचे पहिले मराठी मासिक सुरू केले. इतिहास आणि गणित या विषयांवर त्यांनी अनेक पुस्तके लिहिली. रॉयल एशियाटिक सोसायटी आणि जिओग्राफिकल सोसायटीमध्ये वाचलेले शिलालेख आणि ताम्रपटांशी संबंधित त्यांचे निबंध खूप महत्त्वाचे आहेत. शिलालेखांच्या संदर्भात ते कनकेश्वर येथे गेले असता त्यांना उष्माघात झाला. यामध्ये त्यांचा मृत्यू झाला. खर्‍या अर्थाने त्यांनी आपल्या कार्यात जीव ओवाळून टाकला होता. ख्रिश्चन धर्माने ग्रहणाशी संबंधित वास्तव स्वतःच्या भाषेत आणि श्रीपती शेषाद्री नावाच्या ब्राह्मणाला सांगणे.हिंदू धर्मात पुनर्परिवर्तन केल्याबद्दल त्यांना बहिष्कृत करण्यात आले. ते महाराष्ट्राचे समाजसुधारक होते बाळ गंधाधर जांभेकर यांचा जन्म राजापूर जिल्ह्यातील पोंबर्ले गावात झाला. त्यांचे वडील चांगले वैदिक होते. शिक्षकांमध्ये बापू छत्रे आणि बापूशास्त्री शुक्ल यांचा समावेश होता. दादोबा पांडुरंग यांनी त्यांच्या आत्मचरित्रात त्यांच्या विलक्षण स्मरणशक्तीचा एक प्रसंग नमूद केला आहे. एकदा त्याने दोन गोरे सैनिक लढत...

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